ekti namoskaare prabhu
Oh my Lord, I wish to submit my
Single and total
हे मेरे प्रभु , मेरा सरे शरीर को
धरती पर लुटाके
एक आंखरी प्रणाम करनेको दीजिये।
जैसे श्रावण का बादल मेघा
लोट आते हैं मिट्टीपे
सरस बारिष पानीकी वजन लौटाने ;
ऐसेही सारे दिलके बजन लोटाके
पड़ा रहूं में तेराही मंदिर द्वारमे।
जैसे हंस बलाका मानस के लिए उड़ान भरते हैं,
तो सारा दिन और सारी रात
इसी तरह, मेरा देहा त्यागी प्राण को उड़ान भरने दो
अंतिम मरणका उसपार।
Single and total
हे मेरे प्रभु , मेरा सरे शरीर को
धरती पर लुटाके
एक आंखरी प्रणाम करनेको दीजिये।
जैसे श्रावण का बादल मेघा
लोट आते हैं मिट्टीपे
सरस बारिष पानीकी वजन लौटाने ;
ऐसेही सारे दिलके बजन लोटाके
पड़ा रहूं में तेराही मंदिर द्वारमे।
दुनियामे तेरा सभी सुरताल में मगन हो कर
मेरा आत्मा आपने खो बैठा ,
उसीको समर्पित करें मेरे प्रणाम में.
मेरा सब गीतों और धुनों समाप्त हो जाए
यही एक हि प्रणाम में।
चल पड़े निःस्वब्दता की सागर-दिशामे।
जैसे हंस बलाका मानस के लिए उड़ान भरते हैं,
तो सारा दिन और सारी रात
इसी तरह, मेरा देहा त्यागी प्राण को उड़ान भरने दो
अंतिम मरणका उसपार।
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