আছে দুঃখ, আছে মৃত্যু, বিরহদহন লাগে।
[. আছে দুঃখ আছে মৃত্যু বিরহ
দহন লাগে
-]
আছে দুঃখ, আছে মৃত্যু, বিরহদহন লাগে।
তবুও শান্তি, তবু আনন্দ, তবু অনন্ত জাগে ॥
তবু প্রাণ নিত্যধারা, হাসে সূর্য চন্দ্র তারা,
বসন্ত নিকুঞ্জে আসে বিচিত্র রাগে ॥
কুসুম ঝরিয়া পড়ে কুসুম ফুটে।
তরঙ্গ মিলায়ে যায় তরঙ্গ উঠে,
নাহি ক্ষয়, নাহি শেষ, নাহি নাহি দৈন্যলেশ--
সেই পূর্ণতার পায়ে মন স্থান মাগে ॥
************************
Sung by - Lopamudra Mitra
……………………………………………
दुःख तो है ही , मृत्यु भी है,……………………………………………
अलगाव होनेका दर्द है जरूर ।
फिर भी शांति, फिर भी आनंद,
फिर भी अनंत काल बहता रहते है।
फिर भी जीवन स्थिर है,
सूरज चंद्रमा के साथ
सब सितारे भी मुस्कुराते हैं,
वसंत को बागों में आते
कितने बहारी रंग लेके।
कुसुम गिरती तो है
नयी कुसुम फिर खिलती भी ।
लहरें मेल खाती हैं, नेई लहरें उठती ,
ये सारे दुनिया भरके,
कोई भी क्षय, कोई अंत नहीं,
कोई दुख नहीं लगते ,
अगर आपका मन उस पूर्णता के चरणों में
चिर स्थान माँग लेतें ।
Comments
Post a Comment